साहित्यिक मित्रो,
‘कहीं जरा सा...’ मेरा प्रथम कहानी संग्रह है जो वर्ष 1998 का प्रकाशन है । इस कहानी-संग्रह का विमोचन बीकानेर के विख्यात कहानीकार और उपन्यासकार श्री यादवेंद्र शर्मा ‘चन्द्र‘ ने किया था । नेगचार प्रकाशन, पवनपुरी, बीकानेर द्वारा प्रकाशित इस कहानी संकलन की भूमिका हिंदी के जाने-माने हस्ताक्षर और मीरा पुरस्कार से सम्मानित श्री भगवान अटलानी ने लिखी । इस संग्रह के लिए राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर ने छपी हुई पुस्तकों के लिए अनुदान योजना के अंतर्गत अनुदान भी प्रदान किया । 5 मार्च 1999 को इस पुस्तक का विमोचन बीकानेर के आनंद निकेतन में किया गया और इस समारोह की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध हिंदी आलोचक डॉ. देवी प्रसाद गुप्त ने की । मेरे प्रिय मित्रों में से एक कुलदीप जनसेवी ने अपनी सेवाएँ अर्पित कर और नीरज दईया ने मेरी कहानियों को पुस्तक का रूप प्रदान करने में जो अपनापन दर्शाया, उसके लिए मैं सदा उनका आभारी रहूंगा ।
इस पुस्तक से जुड़ी अनेक घटनाएँ हैं, अनेक विचार हैं जिन्हें मैं समय-समय पर आपके समक्ष प्रस्तुत करता रहूंगा । 11 कहानियों का मेरा यह संकलन आपको रुचिकर लगेगा, ऐसी मैं प्रत्याशा करता हूँ ।
Thursday, August 6, 2009
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narayan narayan
ReplyDeleteशुभकामनाएं...
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